
87,000 डच डॉक्टरों और नर्सों ने टीका लगवाने से इनकार कर दिया
- OXIDATION THERAPY FOR CDS
- Jun 8
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नीदरलैंड के 87,000 स्वास्थ्यकर्मियों ने वैक्सीन लेने से किया इनकार – चिकित्सा स्वतंत्रता की ऐतिहासिक मिसाल**
जब पूरी दुनिया कोरोना वैक्सीन की ओर बढ़ रही थी, उस समय नीदरलैंड में एक ऐतिहासिक घटनाक्रम सामने आया। लगभग **87,000 डॉक्टर और नर्सों** ने यह कहकर वैक्सीन लेने से इनकार कर दिया कि वे **किसी प्रयोग का हिस्सा नहीं बनना चाहते**।
इन चिकित्सा कर्मियों का यह निर्णय केवल एक स्वास्थ्य विकल्प नहीं था, यह एक **वैज्ञानिक विवेक और आत्मसम्मान का प्रतीक** बन गया। इन्होंने अपने अनुभव, नैतिकता और रोगी-सुरक्षा के सिद्धांतों के आधार पर यह कदम उठाया।
इनका कहना था कि जब तक वैक्सीन पर दीर्घकालिक शोध और पारदर्शिता नहीं होती, तब तक इसे अनिवार्य करना तर्कसंगत नहीं है। यह वही फ्रंटलाइन वॉरियर्स थे जिन्होंने महामारी के समय अपनी जान की परवाह किए बिना काम किया, लेकिन जब उन्हें वैक्सीन लेने के लिए मजबूर किया गया, तो उन्होंने **अपने शरीर और निर्णय की स्वतंत्रता को प्राथमिकता दी**।
नीदरलैंड के इन 87,000 स्वास्थ्यकर्मियों ने वैश्विक बहस में एक नई दिशा दी — कि हर व्यक्ति को अपने शरीर पर निर्णय लेने का अधिकार है, भले ही वह डॉक्टर हो, नर्स हो या आम नागरिक।
यह कदम सिर्फ वैक्सीनेशन के खिलाफ नहीं था — यह **वैज्ञानिक सोच, मेडिकल फ्रीडम और पारदर्शिता की माँग** का प्रतीक था।
आज जब दुनिया "मानकीकरण" की ओर बढ़ रही है, ऐसे हजारों डॉक्टरों और नर्सों की यह सामूहिक चुप्पी तोड़ने वाली आवाज़ बताती है कि **सवाल उठाना भी विज्ञान का हिस्सा है**।
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