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क्या COVID-19 महामारी एक सुनियोजित PSYOP थी? अमेरिका के राज्यों में शुरू हुई आपराधिक जांचें

कोविड-19 महामारी के दौरान पूरी दुनिया ने लॉकडाउन, मास्क, और वैक्सीन अनिवार्यता जैसी कठोर नीतियों को स्वीकार किया। लेकिन अब जब धूल बैठ चुकी है, कई तथ्य और दस्तावेज़ सामने आ रहे हैं जो यह संकेत देते हैं कि यह सब कुछ केवल एक स्वास्थ्य संकट नहीं, बल्कि एक बड़े पैमाने पर Psychological Operation (PSYOP) का हिस्सा था। इसका उद्देश्य था – डर पैदा करना, जनसंख्या नियंत्रण, और mRNA इंजेक्शन को जबरन लागू करना।


PSYOP क्या होता है?


PSYOP यानी Psychological Operation एक ऐसा तरीका है, जिसमें जनमानस को डर, भ्रम या जानकारी के हेरफेर से नियंत्रित किया जाता है। कोविड-19 के समय, मीडिया के ज़रिए मौतों की संख्या, संक्रमितों की गिनती, और अस्पतालों की तस्वीरों को बेहद डरावना बनाकर पेश किया गया। इससे आम आदमी का मनोबल टूट गया और उसने बिना सवाल किए हर सरकारी आदेश को मान लिया।


अमेरिका में शुरू हुई आपराधिक जांच:


एक बड़ी खबर सामने आई है – अमेरिका के सात राज्यों में कोविड-19 की टॉप हेल्थ अथॉरिटी के खिलाफ आपराधिक जांचें शुरू हो चुकी हैं। आरोप हैं:


झूठे आँकड़ों के ज़रिए भय फैलाना


mRNA वैक्सीन को ज़बरदस्ती थोपना


लॉकडाउन और मास्क जैसे उपायों को वैज्ञानिक प्रमाणों के बिना लागू करना


भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और मानवाधिकारों का उल्लंघन



जनता को डर के ज़रिए कैसे नियंत्रित किया गया?


मीडिया का इस्तेमाल: 24x7 नकारात्मक खबरें और मौतों के आंकड़े


सोशल मीडिया सेंसरशिप: ऑक्सीडेशन थेरेपी, वैक्सीन डिटॉक्स या वैकल्पिक इलाज को 'गलत सूचना' कहकर हटाना


डॉक्टरों पर दबाव: जो डॉक्टर वैक्सीन के दुष्प्रभाव बताते थे, उनकी मेडिकल लाइसेंस रद्द कर दिए गए


अब जब सच्चाई सामने आ रही है…


अब बड़ी संख्या में लोग पूछ रहे हैं – क्या हमारी सरकारें और हेल्थ एजेंसियां जानबूझकर हमें गुमराह कर रही थीं? क्या mRNA वैक्सीन के साइड इफेक्ट को छिपाया गया? क्या यह पूरी महामारी एक जन-नियंत्रण परियोजना थी?


हमारा समाधान: ऑक्सीडेशन थेरेपी CDS के ज़रिए डिटॉक्स


यदि आप भी वैक्सीन इंजरी, थकान, हृदय समस्या, त्वचा रोग या न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से पीड़ित हैं, तो Oxidation Therapy CDS www.Oxidationtherapy.com आपके लिए एक सुरक्षित, प्राकृतिक और वैज्ञानिक समाधान है।


यह थेरेपी शरीर से जहरीले तत्वों को बाहर निकालकर, कोशिकाओं को पुनर्जीवित करती है और इम्यून सिस्टम को पुनः सशक्त बनाती है।


निष्कर्ष:


कोविड-19 महामारी ने सिर्फ शरीर को नहीं, बल्कि हमारी मानसिकता को भी गहराई से प्रभावित किया है। अब जब सच बाहर आ रहा है, तो यह समय है कि हम खुद को शिक्षित करें, सवाल करें और अपने शरीर की रक्षा के लिए सही कदम उठाएं।


हमारी सलाह:

अगर आप इस मनोवैज्ञानिक युद्ध के शिकार हुए हैं – चाहे मानसिक रूप से, शारीरिक रूप से या सामाजिक रूप से – तो अब वक्त है डिटॉक्स का।


फ्री कंसल्टेशन अपॉइंटमेंट उपलब्ध हैं।

 
 
 

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