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नई रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा: mRNA वैक्सीन और 86 गंभीर न्यूरोसाइकेट्रिक डिसऑर्डर के बीच संबंध

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📌 इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इनोवेटिव रिसर्च इन मेडिकल साइंस (IJIRMS) के जून 2025 एडिशन में प्रकाशित एक पीयर-रिव्यू स्टडी ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।


अमेरिकी डॉक्टरों और रिसर्चर्स की टीम (James Thorp, Claire Rogers, Kirstin Cosgrove, Steven Hatfill, Peter Breggin, Drew Pinsky और Peter McCullough) ने पाया कि COVID-19 mRNA वैक्सीन लेने के बाद 86 प्रकार की गंभीर न्यूरोसाइकेट्रिक बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।


रिपोर्ट में पाए गए प्रमुख जोखिम:


🧠 हॉमिसाइडल (हिंसक) विचार – 25 गुना ज्यादा संभावना


💀 सुसाइडल (आत्मघाती) विचार – 150 गुना ज्यादा संभावना


😵 स्किज़ोफ्रेनिया – 315 गुना ज्यादा संभावना


🧬 डिप्रेशन – 530 गुना ज्यादा संभावना


🧨 हिंसक व्यवहार – 80 गुना ज्यादा संभावना


🧩 कॉग्निटिव डिक्लाइन (स्मृति व सोचने की क्षमता में गिरावट) – 115 गुना ज्यादा संभावना


🌀 डिल्यूजन (भ्रम) – 50 गुना ज्यादा संभावना


🩸 ब्रेन क्लॉट्स (दिमाग की नसों में थक्का) – 3000 गुना ज्यादा संभावना


वैज्ञानिक व्याख्या:


रिसर्चर्स का मानना है कि mRNA शॉट्स ब्लड–ब्रेन बैरियर (BBB) को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

👉 जब यह सुरक्षा-दीवार टूटती है तो वायरस के स्पाइक प्रोटीन और टॉक्सिन्स दिमाग तक पहुंच जाते हैं।

👉 इससे स्ट्रोक, डिमेंशिया, डिप्रेशन, स्किज़ोफ्रेनिया, सुसाइडल और हिंसक व्यवहार जैसे गंभीर न्यूरोसाइकेट्रिक डिसऑर्डर ट्रिगर हो सकते हैं।


इसका महत्व क्यों?


यह पहली बार है कि किसी पीयर-रिव्यू मेडिकल जर्नल ने इतने बड़े पैमाने पर mRNA वैक्सीन और ब्रेन डिसऑर्डर्स के बीच संबंध को दर्ज किया है।


📢 चेतावनी और अपील


विशेषज्ञों का कहना है कि अब लॉन्ग-टर्म मॉनिटरिंग और ऑक्सीडेशन डिटॉक्स प्रोटोकॉल की सख्त जरूरत है।


आम जनता को जागरूक रहना चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेकर ही निर्णय करना चाहिए।


👉 यह रिपोर्ट एक बड़ा अलर्ट है कि सिर्फ शरीर ही नहीं, बल्कि दिमाग पर भी mRNA वैक्सीन का गंभीर असर पड़ सकता है।


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Helpline number 9136337345

 
 
 

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