“बीमारी का बिज़नेस: समस्या बनाओ, समाधान बेचो, और फिर वही दोहराओ”
- OXIDATION THERAPY FOR CDS
- May 12
- 2 min read

👉 जब भी हम किसी नए वैक्सीन, नई दवा, या “आशाजनक शोध” की खबर सुनते हैं — जैसे कि हाल ही में एक बड़ी न्यूज़ हेडलाइन आई:
"कैंसर वैक्सीन 2030 तक आ सकती है, कहते हैं कोविड वैक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिक।"
यह खबर दिखने में आशा जगाती है, लेकिन इसके पीछे की कहानी क्या है?
🔍 Step 1: “समस्या पैदा करो”
आधुनिक मेडिकल इंडस्ट्री अक्सर एक सिंड्रोम को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करती है या एक जटिल बीमारी को साधारण लाइफस्टाइल या डाइट से जोड़ने के बजाय उसे एक घातक और डरावनी बीमारी के रूप में प्रचारित करती है।
कोविड-19 इसका सबसे ताज़ा उदाहरण है — एक वायरस को लेकर इतना डर फैलाया गया कि पूरी दुनिया रुक गई।
💉 Step 2: “समाधान बेचो”
फिर आया समाधान — वैक्सीन। अरबों डॉलर की मार्केट तैयार हो गई। उसी तकनीक के निर्माता (mRNA टेक्नोलॉजी वाले) अब कह रहे हैं: "2030 तक कैंसर की वैक्सीन भी संभव है।"
कितना बड़ा बाजार तैयार होगा, सोचिए?
💣 Step 3: “नया समाधान, नई समस्या”
अब वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स, ऑटोइम्यून डिसऑर्डर, हार्ट अटैक, अचानक मौत जैसे हजारों नए हेल्थ इशू सामने आने लगे।
फिर उन्हें ठीक करने के लिए आएंगी और नई दवाएं, थेरेपी, टेस्टिंग किट्स — और इसी चक्र को बार-बार दोहराया जाता है।
📉 इलाज नहीं, ग्राहक बनाए जाते हैं
मेडिकल सिस्टम आपको पूरी तरह ठीक नहीं करता, बल्कि आपको हमेशा “एक्टिव ग्राहक” बनाए रखता है।
बीमारी को दबाओ, जड़ से हटाओ नहीं।
यही कारण है कि क्रॉनिक बीमारियों का ग्राफ घटने के बजाय बढ़ रहा है — चाहे वो कैंसर हो, डायबिटीज हो, या ऑटोइम्यून डिज़ीज।
✅ अब जरूरत है: जागरूकता और प्राकृतिक समाधान की
हमारे शरीर को डिटॉक्स करने, इम्युनिटी को पुनर्स्थापित करने और सेलुलर स्तर पर हीलिंग को बढ़ावा देने की जरूरत है — न कि एक और वैक्सीन का इंतज़ार करने की।
ऑक्सीडेशन थेरेपी, नेचुरल फूड्स, और सेलुलर डिटॉक्सिफिकेशन जैसी विधियाँ आज लाखों लोगों को क्रॉनिक बीमारियों से मुक्ति दिला रही हैं — बिना किसी साइड इफेक्ट्स के।
निष्कर्ष:
ये “समस्या-समाधान” का खेल नई बात नहीं है। यह एक प्रॉफिट बेस्ड साइकल है, न कि हेल्थकेयर मॉडल।
जागरूक बनिए, डर से नहीं, साइंटिफिक और नेचुरल समझ से आगे बढ़िए।
Call to Action (CTA):
📞 9136 373 745 पर कॉल करें और जानें कैसे आप बिना किसी वैक्सीन या केमिकल ड्रग्स के, अपने शरीर को अंदर से हील कर सकते हैं।




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